और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो। और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो।
कभी सोचा न था... कभी सोचा न था...
प्यार का क्या है! प्यार का क्या है!
बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखावी रिश्ते। बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखा...
सोचा ना था कि सोचा ना था कि
वह हमारी हर अदाओं में है वह हवाओं में, कभी सोचा न था हमने, किसी से हम इतना। . वह हमारी हर अदाओं में है वह हवाओं में, कभी सोचा न था हमने, किसी से हम ...